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GPS kya hai और GPS के फायदे और GPS के इतिहास

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हेलो दोस्तों स्वागत है आप सभी का हमारे और एक शानदार ब्लॉग में आज हम बात करने वाले है GPS kya hai और GPS के फायदे और GPS के  इतिहास के बारेमें बात करेंगे।  वैसे तो आज कल हर किसीको इसके बारेमें  जीपीएस किस तरह से हमें मदद कर रहा है हमारे बोहोत  कामों में। https://manchesterclopedia.win/wiki/What_is_API
आगे इसके बारेमें गहराई से  बात करने से पहले थोड़ा सा जान लेते है की GPS क्यों जरुरी है और किस तरह से इसका इस्तमाल हो रहा है आज के  समय में।  आज के समय में GPS हमारे मोबाइल फ़ोन से लेके बड़े बड़े सरकारी कामों में बी इस्तमाल होता है। 
GPS technology हमें मदद करता है हमारी लोकेशन को प्राप्त करने केलिए।  साधारण शब्दों में जीपीएस एक ऐसा technology है जो की हमारे इलेक्ट्रॉनिक  यन्त्र के साथ जुड़ा हुआ होता है और वो सीधा उपग्रह (Satellite) के संजोग करता है वो मदद करता है हमारी सठिक location प्रदान करने केलिए।
आज कल जो हम अपने मोबाइल फ़ोन में इस्तमाल करते है Google  map  वो कही ना कहीं हमारे मोबाइल में लगे हुए GPS बदलत मुमकिन हो पाया है।  चलिए जानते है इसी GPS kya hai के बारेमें और इसको बिस्तर रूप से समझते है।
gps kya hai

GPS kya hai

GPS का पूरा नाम है Global  Positioning System  यानि एक ऐसी  टेक्नोलॉजी जो की पुरे पृत्वी के अंदर कहिबी आपके सठिक लोकेशन की जानकारी दे सकता है आपको। ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) एक नेविगेशन सिस्टम है जो उपग्रहों, एक रिसीवर और एल्गोरिदम का उपयोग करके वायु, समुद्र और भूमि यात्रा के लिए स्थान, वेग और समय डेटा को सिंक्रनाइज़ करता है।

GPS काम कैसे करता है ?

GPS आज समय में सबसे ज्यादा इस्तमाल होने  टेक्नॉलजी है जो की सरकार सेना के  साथ साथ बोहोत सारे दूसरे चीजों के अंदर इस्तमाल होता है लोगों की जीबनि को बनाने केलिए।  जैसे की मोबाइल फ़ोन से लेके गाड़ियों के अंदर इसका इस्तमाल होता है। चलिए जानते है जीपीएस काम कैसे  करता है इसके बारेमें 

GPS के काम करने की तरीको को मुलतौर पे तीन हिस्सों में टोला गया है जसिके बारेमें हमने निचे जानकारी दी है 
उपग्रह: GPS काम करने किये सबसे पहले हमारे पृत्वी के चरों और बोहोत सारे satellite बिछा रखे है जो की हमेशा काम करते रहते है और जमीन से जानकारी लेते है तरह तरह के इलक्ट्रोनिक यन्त्र से और उनके सठिक लोकेशन देते है। 
जमीन से परिचालन: फिर आता है हर उपग्रह काम करने केलिए जमीन से जानकारी लेता है और उसके लिए हर देश में उसके कार्यालय है जहाँ से सीधा connection रहता है उन्ही सारे सॅटॅलाइट के साथ। 
इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र: फिर बरी अति है इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र जैसे की मोबाइल फ़ोन से गाड़ी तक जिसमे बी GPS इस्तमाल होते है वो सब आपस में जुड़ते है। 
जीपीएस एक टेक्नोलॉजी है और ये बहुत सारे satellite के जरिये ही काम कर पता है। हमारे पृत्वी के ऊपर बोहोत  सारे sattelite है जो  हमेशा काम करते रहते है और सही जानकारी देने केलिए तैयार रहते है।  बोहोत सारे sattelite होने के कारन आपकी सठिक जानकारी पाने में मदद होती है।  निचे  छबि देख सकते है जिसे आपको अच्छे से ज्ञान आ जायेगा आखिर GPS काम कैसे करता है 
 
gps kaam kaise karta hai

चाबी में देख सकते है कैसे ३ से ज्यादा satellite एक साथ मिलके काम करते है करते है और आपकी सठिक लोकेशन को प्राप्त करने में मदद करते है। 

मुलतौर पे इन्ही तीन तरीके से एक जीपीएस काम करता है।  सबसे पहले ये मोबाइल फ़ोन जैसे यन्त्र से डाटा लेती है और उसे sattelite  तक पहचा देती है।  और फिर उसी sattelite उन्ही सारे जानकारी को पढ़ के बिस्वा के अंदर आप कहा पे उसकी लोकेशन बता देती है।  चलिए अभी जानते है ये जीपीएस की इतिहास के बारेमें 

जीपीएस का इतिहास

जीपीएस जो आज हम इस्तमाल कर रहे है ये कोई नया टेक्नोलॉजी नहीं है ये बोहोत सालों से इस्तमाल होते हुए आने वाला टेक्नोलॉजी है।  पहले के ज़माने में लोग चाँद, सूरज और तारों को देख कर दिशा निर्धारित करते थे और समय के हिसाब से उसी से प्रेरित होक टेक्नोलॉजी की बिकाश किया गया और GPS का अविष्कार किया गया। 

बोहोत पहले से ही जीपीएस टेक्नोलॉजी चल रहा था पर २०वीं शताब्दी में इसी टेक्नोलॉजी को विकसित किया गया और आम आदमी इस्तेमाल लायक बनाया गया। शुरुआती दिनों में इसी टेक्नॉलजी का इस्तेमाल देश की सिर्फ सरकार ही किया करती थी पर धीरे धीरे समय के हिसाब से इसे आम आदमी तक पहुंच गया। 

सुरुवाती दिनों में कुछ ही देशों के पास जीपीएस टेक्नॉलजी हुआ करती थी जैसे की अमेरिका और रूस के पास।  पर धीरे धीरे बाकि देश ने बी अपनी खुदकी जीपीएस टेक्नोलॉजी की बिकाश की है।  बस इतना जान लीजिये की सं 1983 अमेरिका ने इसी टेक्नोलॉजी को आम आदमी के लिए कर दिया था पर उसका सही तरीके से इस्तेमाल सन 2000 के बाद ही हुआ है जब इसे कुछ कंपनियों को सपा गया। 

जीपीएस का फुल फॉर्म क्या है GPS Full Form in Hindi

GPS का पूरा नाम है Global Positioning System और जीपीएस को हिंदी में स्थान निर्धारित प्रणाली बी कहते है। आज आपके मोबाइल के अंदर देख सकते है जीपीएस टेक्नॉलजी और जैसे  इसे आप चालू करते है ये sattelite के साथ जुड़ जाता है और आपकी सठिक जानकारी देती है। 
GPS का उपयोग 
नीचे देख  है आप कहा GPS का  कहाँ कहाँ इस्तेमाल  है और हम कैसे इसी टेक्नोलॉजी  फायदेमंद हो पाते है 
Location : ये आपकी बिलकुल सठिक location प्रदान करने में आपकी मदद करता है। ये सिर्फ आपकी ही नहीं बल्कि किसी दूसरे के location को जानने केलिए बी इस्तमाल होता है। 
Navigation :  एक जगह से दूसरे जगह को जाने केलिए आप जो Google Map के अंदर रास्ता ढूंढ़ते है वो बी इसी टेक्नोलॉजी का देन है। 
Tracking : इसी टेक्नोलॉजी से आप किसीको बी ट्रैक कर  सकते है।  Tracking जैसी काम सिर्फ सरकार   ही करती है। 
Map : आज के समय में आप कही से  बी  किसीबी दूसरे देश की map को देख सकते है, और ये सब सिर्फ GPS के बदलत मुमकिन। 
Timing : आज के समय  इतना बिकसित हो गया है की आपके कही जाने की दुरी को हिसाब कर सकता है और सही समय बी बता सकता  है कितना टाइम लगेगा करके 
इसके अलावा जीपीएस की बोहोत सारे बिज़नेस बी अपना रेहे है ग्राहकों  अच्छे सेवा देने केलिए।  जैसे की packers and movers इंडस्ट्री जो आपके घर को एक जगह से दूसरे जगह लेने केलिए करते है वो अपने  ग्राहकों को लाइव ट्रैकिंग देने केलिए इस्तमाल करते है।  

अगर आप Cuttack या फिर कोई बी जगह  अपने सामान को एक जगह से दूसरे जगह लेना चाहते है तो आप पैकर्स एंड मोवेर्स सेवा को अपना सकते है।  अगर आप Cuttack के रहने वाले है तो इसी लिंक पे जरिये packers and movers Cuttack
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GPS के संबंधित कुछ रोचक तथ्य 

निचे हमने GPS से समन्धित बोहोत सारे रोचक तथ्य डेल है जिनको आप देख सकते है 
 जीपीएस को पहली बार 1996 में ऑटोमोबाइल में पेश किया गया था।
जीपीएस का सबसे पहले इस्तमाल अमेरिका की आर्मी में किया गया था 
जीपीएस सिस्टम स्थानों का पता लगाने के लिए डॉपलर प्रभाव के सिद्धांत का उपयोग करता है
GPS को शुरुआत में Navstar कहा जाता था और 1978 में पहला Navstar सैटेलाइट लॉन्च किया गया था
GPS का मूल विचार LORAN और डेक्का नेविगेशन सिस्टम पर आधारित था, जिनका उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया गया था
जिस कार में जीपीएस लगे हुए  अपने मोबाइल फ़ोन से बी ट्रैक कर सकते है 
जीपीएस को समय मापने केलिए बनाया गया था पर समय के हिसाब से नेविगेशन केलिए इस्तमाल किया गया

निष्कर्ष

आज हमने आपको जीपीएस क्या है और कैसे काम करता है और उसके इतिहास  के बारेमें बताये है  आपको हमारा ये जानकारी अच्छा लगा है  दोस्तों के साथ जरूर शेयर और कुछ समस्या अति है समझने तो  निचे कमेंट में पूछ सकते है।
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